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25 Sep 2021 · 1 min read

अपनी मंजिल

शीर्षक: अपनी मंजिल

मंजिलें क्या है,जीवन की डगर मात्र
रास्ता क्या है,जीवन सफर मात्र
हौसला है तो फिर मंजिल भी हैं
फ़ासला क्या है चल उठ पहुंच
होंसला मत डगमगाने दे
तू चल मंजिल की तरफ
मिलेगी तभी राह भी
निकलेगा जब सफर पर
तूफान से पहले की शांति देखी तूने
तो क्यो घबराता है उसके आने से
मजबूती से दिखा अपना हुनर
जीना तो फिर भी होगा तुझको
क्यो न हिंम्मत से काम लिया जाए
जीवन को मजे से ही जिया जाए
मंजिल तक खुशी खुशी चला जाये
जीवन को सरलता से ही जिया जाए

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

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