Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Sep 2021 · 1 min read

शेर

ना वो सितम, ना कोई अफसाने?
तू ना सही, कोई और भी तो है?

मेरी मकबुलियत के कद्रदान हमारे.
कौन जिता अब, तेरी जुल्फों के सहारे?
© किशन कारीगर

Loading...