मानवता
अपना ना होकर भी कोई
अपना होता है..
तो मानवता चरम पर होता है |
जब कोई सुखी होते हुए भी
मेरे लिए रोता है
तो मानवता चरम पर होता है l
किसने कहा कि मानवता मर रही है ..?
हममें मानवता विद्यमान है..
आपमे मानवता विद्यमान..
तो मनुष्यता अपनाएगा वो भी जो अज्ञान है I
जब राह पर चलते हुए शरीर से असमर्थ
लोगों को कोई रोड पार कराता है |
तो मानवता चरम पर होता है |
जब तकलीफ में फंसे लोगों को
मिलकर कोई मदद का हाथ बढ़ाता है..
तो मानवता चरम पर होता है |
जब दुविधा में फंसे लोगों को
सुझाव रूपी सुगंध मिल जाता है l
तो मानवता चरम पर होता है |
विभिन्नता पूर्ण समाज में जब कोई
एकता का हाथ बढ़ाता है l
तो मानवता चरम पर होता है |
किसी के दुःख पर कोई
सहानुभूति प्रकट करता है |
तो मानता चरम पर होता है |