Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 Sep 2021 · 1 min read

चैन का बसेरा

सोचता हूं कभी
दूर पहाड़ों मे
मेरा भी इक
घर होता ।

स्वच्छंद हवाओं का
नित घेरा
और सबसे पहले
सवेरा होता ।

शहर के अनंत
कोलाहल से बहुत दूर
चैन का वो
बसेरा होता ।

ऊंचे आसमान मे
चमकते तारों
और हसीन वादियों का
नज़ारा होता ।।

राज विग 18.09.2021

Loading...