Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Sep 2021 · 1 min read

मेरी बेटियां

मेरी बेटियां
**********
जीने के बस यही बहाने
ये मेरे अनमोल नगीने।
इनकी खुशियों में सब कुछ है
बेटे से न ये कम हैं,
गौरव का अहसास कराती
बेटी बेटे का भेद मिटाती
उम्मीदों से आगे बढ़कर
गर्व के पल ये हैं लातीं।
बेटी बेटे का भेद न मुझको
इन पर ही अभिमान है मुझको
रहे सशंकित माँ कुछ इनकी
पर तनिक नहीं मुझको ग़म है।
ये भी अपने भाग्य लिए हैं
मेरा भाग्य वश मेरे लिए है
पत्नी की चिंता जायज है
हर बेटी की माँ डरती है।
पर डर डर न जीना मुझको
मंजिल इनकी देना मुझको,
डर कर आखिर कितने दिन तक
पिंजरे में कैद रख सकता इनको।
बंधन मुक्त है मेरी बेटियां
आगे ही बढ़ रही बेटियां
नाम है इनका संस्कृति गरिमा
मेरा अभिमान हैं मेरी बेटियां।
● सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा,उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित

Loading...