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16 Sep 2021 · 1 min read

बोलती किताबें

इतिहास के पन्ने खोलती किताबें,
बेजुबां.. पर है बोलती किताबें!

रंग -बिरंगी चित्रों वाली
लेख, कविता, गीतों वाली
सबके मन को भाने वाली
ज्ञान हमें दिलाने वाली
मन की बात तौलती किताबें,
बेजुबां.. पर है बोलती किताबें!

कथा राम की सुनाती है यह
व्यथा विरह की बताती है यह
अथाह अश्क़ बहाती भी यह
करुणा प्रेम की जगाती भी यह
राज़ कभी यह खोलती किताबें,
बेजुबां.. पर है बोलती किताबें!

कोयल की है बोली इसमें
बेटी की है डोली इसमें
बच्चों की भी टोली इसमें
ईद, दिवाली, होली इसमें
खुशियों के रंग घोलती किताबें,
बेजुबां.. पर है बोलती किताबें!
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✍️श्यामनिवास सिंगार
रायगढ़, छत्तीसगढ़ (भारत )

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