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12 Sep 2021 · 1 min read

होश हैं गुम

तुम तरा रूम
तरा रूम तरा रूम
भाग गए बंदर
छोड़ गए दुम…
(१)
चकबुम चकबुम
बुम बुम बुम
सारे सिस्टम को
लग गया घुन…
(२)
रूनझुन रूनझुन
झुन झुन झुन
सस्ता हुआ
आवाम का ख़ून…
(३)
क्या काबूल और
क्या यंगून
चारों तरफ़
तानाशाहों का धूम…
(४)
सुनकर बगावत
का यह धुन
हुक्मरानों के
होश हैं गुम…
(५)
गाते रहेंगे
हम घूम-घूम
चाहे कुछ भी
कर लो तुम…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#LiteraryGenius #satiricalsong
#जनवादीगीत

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