संचार जीवन की निशानी
सञ्चार जीवन की निशानी ,
विल्वर श्रैम की अनुभव की साझेदारी ।
अपना अभिव्यक्ति अपना भरोसा ,
यही है आपना सोशल मीडिया ।
स्त्रोत – सन्देश – माध्यम – प्राप्तकर्ता ,
यही है सञ्चार प्रक्रिया जहाँ ।
देवर्षि नारद संवाद सेतु है ,
जहाँ महाभारत के ही संजय ।
अभिलेख – शिलालेख पुरातन के ,
सहवर्ती है अशोक और चंद्रगुप्त के ।
तमाशा – रागनी – साङ्ग – लातिनी के ,
नाट्यरूपों – कथावाचन शैली के ।
भावना – विचार का आदान – प्रदान ,
जहाँ मानव सभ्यता का विकास सञ्चार ।
लिपि से मुद्रण के सफर तक ,
एकता – सम्प्रदायिकता – मानवाधिकार का मेल ।
अंतः वैयक्तिक और अंतर वैयक्तिक ही ,
राष्ट्र के मानस का निर्माण बनाती ।
ध्वनि तरङ्गे – प्रकाश तरङ्गें – वायु तरङ्गे ही ,
है सारे माध्यमों का समागम ।
पुण्डालिका से आलमआरा चलचित्र ,
गतिशील पारदर्शी जीवन निर्माण ।
संस्कृति व राष्ट्र निर्माण रेडियो अनुदान ,
जहाँ मिली विश्वयुद्ध सूचनाओं का सारक्ष ।
भाषा – लिपि – छपाई – प्रवक्ता से ,
सांस्कृतिक – मानसिकता तकरीबन ।
अंकुर – असत्य – बहस – मुबाहिस ही ,
दुराचारिता – मानवाधिकार हनन का प्रतिबिम्बित ।
पत्रकारिता मिशन थी आजादी के मर्तबा ,
व्यवसाय मिशन है आजादी के पश्चात ।
पत्र – रेडियो – डाक – टेलीविजन – इण्टरनेट,
यही है पत्रकारिता का सार ।
सङ्कलित – सम्पादित – पाठक समावेश ,
यही है जनसञ्चार का प्रिण्ट मीडिया ।
रिपोर्टिङ्ग और सम्पादन ही ,
है बौद्धिक और पत्रकारिता का कौशल ।
फेसबुक – ट्विटर – विकिपीडिया ,
जहाँ मिलती लोगों को अपनी रूपरेखा ।
जनसञ्चार का एक ही उसूल ,
सार्वजनिक हित – मूल्य – आचार संहिता ।
परिवारिक समाजिक रिश्तो की बुनियाद ,
जहाँ मिली राष्ट्र निर्माण व सामाजिक उन्नयन ।
भारत का यह अटूट सपना है ,
धर्मनिरपेक्ष व लोकहितकारी राष्ट्र अपनाना है ।