Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2021 · 1 min read

$ग़ज़ल

18- बहरे रमल मुरब्बा सालिम
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
वज़्न/मीटर- 2122/2122

मौत से पहले मरो मत
हार से इतना डरो मत//1

हौसला हो जीतने का
पाँव पीछे तुम धरो मत//2

भूल को समझो सुधारो
जोश अपना कम करो मत//3

सोच नीयत नेक रखना
गंदगी मन में भरो मत//4

सुब्ह हर की शाम होती
दिल निराशा से झरो मत//5

1 Like · 302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
तुम इतने आजाद हो गये हो
तुम इतने आजाद हो गये हो
नेताम आर सी
सारी उम्र गुजर गई है
सारी उम्र गुजर गई है
VINOD CHAUHAN
मै कमजोर नहीं
मै कमजोर नहीं
Shutisha Rajput
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
gurudeenverma198
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चौदह अगस्त तक देश हमारा ...(गीत)
चौदह अगस्त तक देश हमारा ...(गीत)
Ravi Prakash
लाज़िम है
लाज़िम है
Priya Maithil
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
पूर्वार्थ
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
sushil sarna
कबाब में हड्डी
कबाब में हड्डी
Sudhir srivastava
नम आंखे बचपन खोए
नम आंखे बचपन खोए
Neeraj Mishra " नीर "
শত্রু
শত্রু
Otteri Selvakumar
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
पतझड़ से बसंत तक
पतझड़ से बसंत तक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
शेखर सिंह
4364.*पूर्णिका*
4364.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय प्रभात*
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
उलझा रिश्ता
उलझा रिश्ता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
Satish Srijan
प्राकृतिक कल
प्राकृतिक कल
MUSKAAN YADAV
चिंतन
चिंतन
Rambali Mishra
पुराने प्यार के किस्से
पुराने प्यार के किस्से
विजय कुमार अग्रवाल
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
Paras Nath Jha
संवेदनाओं का क्रंदन
संवेदनाओं का क्रंदन
Ritu Asooja
Loading...