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9 Sep 2021 · 1 min read

आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।

२१२ २१२ २१२ २१२
प्यार झूठा दिखाना नहीं चाहिए।
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।।

प्यार करते रहो निर्बलों से सदा
आंख उनको दिखाना नहीं चाहिए।

तुम मदद खुद किसी की करो ना करो
दिल किसी का दुखाना नहीं चाहिए।

बांट सकते नहीं तो बढ़ाओ नहीं,
दुख में दुख को बढाना नहीं चाहिए।।

मुफ़लिसी में है वो और मजबूर है,
फायदा तब उठाना नहीं चाहिए।

बात सबने कही है सदा आज तक
बात नाजुक बताना नहीं चाहिए।

कत्ल इंसानियत का करे जो अगर,
ढील देकर बचाना नहीं चाहिए।

तुम उठे हो शिखर पर तो’ अच्छा बहुत
दूसरों को झुकाना नहीं चाहिए।

लोग रखते नमक हाथ में हैं यहां
जख्म सबको दिखाना नहीं चाहिए।

हो गई जो मुहब्बत निभाओ इसे
यूं ही लड़की पटाना नहीं चाहिए।

रेस जीवन की माना लगी है मगर
दूसरों को गिराना नहीं चाहिए।

बात अच्छी लगे है असंभव भले,
बात अच्छी लगे है ना’ मुमकिन/संभव सदा,
बात सच्ची छिपाना नहीं चाहिए।

बात कहता ‘अटल’ ठोककर दोस्तों,
हमको’ ऐसा जमाना नहीं चाहिए।।

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