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8 Sep 2021 · 1 min read

बेकद्री

जिसमें इल्म़ की
क़दर नहीं
वह तो हमारा
शहर नहीं….
(१)
देश के दुश्मन
वही लोग
जो जात पूछते
हुनर नहीं…
(२)
जहां सभी हैं
हिंदू-मुस्लिम
कोई भी एक
बशर नहीं…
(३)
किसी शायर का
होने वाला
उसमें बिल्कुल
गुज़र नहीं…
(४)
गौतम और
नानक सबको
अमृत बांटते
ज़हर नहीं…
(५)
इस जंगल के
फूल हैं ये
इन पर ढ़ावो
कहर नहीं…

#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#CommunalPolitics
#सृजनचेतना

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