तूने चमत्कार करने बंद कर दिए …
कोई तुझे क्यों कर याद करे ऐ खुदाया !
तूने अपनी रहमत के सारे दरवाजे बंद कर लिए ।
तू कहां रहता है कहां तेरा बसेरा है बता ,
महसूस होता है तूने अपने ठिकाने भी बदल लिए ।
क्या हमारी सदा भी तुझे सुनाई नहीं देती ?
अपने कानों के परदे भी तूने जो बंद कर लिए ।
अब चाहे कोई आबरू लूटे या कत्ल ,
तूने अब मदद को चमत्कार करने भी बंद कर लिए ।
वेद पुराणों में दर्ज कहानियां तेरी रहमत की ,
कौन पढ़ेगा इन्हें ? सब अलमारियों में बंद कर लिए ।
अब या तो सबूत दे ,या कह दे नहीं है तू ,
वरना हम समझेंगे तूने यकीन के सारे आसरे भी बंद कर लिए ।