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6 Sep 2021 · 1 min read

प्रभु पर विश्वास

✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की उन्हें प्रभु पर विश्वास है,इसलिऐ साथ में लेकर नहीं उड़ते…परिन्दे पेट भर के दाने छत पर ही छोड़ जाते हैं !!

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वक़्त से पहले बोले गए शब्द और मौसम से पहले तोड़े गए फल दोनों ही व्यर्थ होते है….,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की श्री रामचरितमानस ,श्रीमद भगवद गीता -कुरान -बाइबिल या गुरु ग्रन्थ साहिब से जुड़े धारावाहिकों को देखना या पढना और वास्तविक जीवन में उन गूढ़ रहस्यों को समझ पाना -मान पाना ,उनके अनुकूल आचरण -व्यवहार करना दोनों में जमीन आसमान का फ़र्क़ है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की इंसानियत का भी बाजारीकरण हो गया है ,किसी भी सेलिब्रिटी की मौत पर दुःख होना एक मानवीयता है परन्तु मीडिया/फोटोग्राफरों द्वारा जिस तरह से उनकी मृत्यु एवं अंतिम यात्रा की परेड निकाली जाती है ,ऐसे में भी उनकी पारिवारिक निजता को हेडलाइंस बनाया जाता है ,पारिवारिक व्यक्ति या संवेदना प्रकट करने आने वाले शख्स अपने दुःख -तकलीफ को तरीके से व्यक्त भी नहीं कर पाते !

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

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