Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

अवधू कहता साफ-सफाई ,
नहीं मारता ढिल्ली |
आप उचित समझें इसको या ,
हँसें, उड़ायें खिल्ली |
सकल हिन्द को दूध समझिए ,
मक्खन निकले दिल्ली |
उस मक्खन की रक्षा करते ,
नेता बनकर बिल्ली ||

अवध किशोर ‘अवधू’
मो.न.9918854285

Language: Hindi
566 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

गर्मी
गर्मी
Dhirendra Singh
साथ चले कुछ दूर फिर,
साथ चले कुछ दूर फिर,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
चन्द्रयान मिशन
चन्द्रयान मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
सबको प्रेषित शुभकामना
सबको प्रेषित शुभकामना
Dr. Sunita Singh
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
सत्य कुमार प्रेमी
मंद हवाएं
मंद हवाएं
Akash RC Sharma
---- विश्वगुरु ----
---- विश्वगुरु ----
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
“मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा”
“मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा”
Lohit Tamta
संत मदर टेरेसा
संत मदर टेरेसा
Poonam Sharma
Gestures Of Love
Gestures Of Love
Vedha Singh
मैं रीत लिख रहा हूँ
मैं रीत लिख रहा हूँ
कुमार अविनाश 'केसर'
चन्द ख्वाब
चन्द ख्वाब
Kshma Urmila
"शुक्रगुजार करो"
Dr. Kishan tandon kranti
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
आगे बढ़ने एक साथ की जरूरत होती है
आगे बढ़ने एक साथ की जरूरत होती है
पूर्वार्थ
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (पॉंच दोहे)*
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
गंगोत्री और यमुनोत्री से निकली दो बहनें ,
गंगोत्री और यमुनोत्री से निकली दो बहनें ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
न राजा बचेगा न रानी
न राजा बचेगा न रानी
Shekhar Chandra Mitra
ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है
ज़िन्दगी भी हाल अपना देख कर हैरान है
Priya Maithil
नज़रें
नज़रें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
मैं
मैं
विवेक दुबे "निश्चल"
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
ग़ज़ल _ याद आता है कभी वो, मुस्कुराना दोस्तों ,
Neelofar Khan
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
#आज_का_क़ता (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
शराबियो और जुआरीओ को हर समय रुपए की तलब लगी रहती है उनके अंद
शराबियो और जुआरीओ को हर समय रुपए की तलब लगी रहती है उनके अंद
Rj Anand Prajapati
संदेह से श्रद्धा की ओर। ~ रविकेश झा।
संदेह से श्रद्धा की ओर। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
Preschool Franchise
Preschool Franchise
Alphabetz
लोग कैसे कैसे
लोग कैसे कैसे
MEENU SHARMA
Loading...