Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2021 · 1 min read

मेघ मही प्रीति

दिल लगा मेघ का मही से
प्यार बरसा उस पर इतना
बरस भिगो दिया धरा को
भीगी धरा सकुचाती

बादल बरसा इतना कि
सराबोर करे वसुधा को
बादल क्षिति की प्रीति ऐसी
हर रोज बरस भिगोये धरा को
धरा प्रीत डगे बढाती

रिमझिम अपनी बूँदों से
करता स्पर्श अपने करो से
भीग आलिंगन बँध जाती
अर्पण अपना कर जाती
मही उसे अपना बनाती

सूख रही धरा चैत मास से
अनुबंध करे प्रिय खास से
आ मुझे बाँध लो बाहुपाश
बुझा दो तुम मन की प्यास
धरा अपनी प्यास बुझाती

Language: Hindi
80 Likes · 485 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

गौरैया
गौरैया
अनिल मिश्र
*ऐ जिंदगी*
*ऐ जिंदगी*
Vaishaligoel
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
Shweta Soni
ओस की बूंदें
ओस की बूंदें
Shutisha Rajput
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बेटियाँ
बेटियाँ
Mamta Rani
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
4129.💐 *पूर्णिका* 💐
4129.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तमाशा लगता है
तमाशा लगता है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ये कैसा घर है. . . .
ये कैसा घर है. . . .
sushil sarna
रिळमिळ रहणौ
रिळमिळ रहणौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इंसाफ कहां मिलेगा?
इंसाफ कहां मिलेगा?
जय लगन कुमार हैप्पी
नीर सा मन
नीर सा मन
Manoj Shrivastava
धर्म की खिचड़ी
धर्म की खिचड़ी
विनोद सिल्ला
इस ओर से कोशिश होती रही रिश्ते निभाने की।
इस ओर से कोशिश होती रही रिश्ते निभाने की।
अश्विनी (विप्र)
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
इजहारे मोहब्बत
इजहारे मोहब्बत
ललकार भारद्वाज
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
Anis Shah
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
Vijay kumar Pandey
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
अमृत और विष
अमृत और विष
Shekhar Deshmukh
9) “जीवन एक सफ़र”
9) “जीवन एक सफ़र”
Sapna Arora
साथ..
साथ..
हिमांशु Kulshrestha
चौदह अगस्त तक देश हमारा ...(गीत)
चौदह अगस्त तक देश हमारा ...(गीत)
Ravi Prakash
परमपिता तेरी जय हो !
परमपिता तेरी जय हो !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
उसकी आंखें ही पढ़ आया
उसकी आंखें ही पढ़ आया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आगे बढ़ रही
आगे बढ़ रही
surenderpal vaidya
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
Loading...