Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2021 · 1 min read

कृष्ण जन्माष्टमी

छन्द- जयकारी/चौपई
*******†****************
द्वापर में कृष्णा अवतार।
था मथुरा का कारागार।।
कृष्णपक्ष अन्धेरी रात।
मास भाद्रपद की बरसात।।१।।

सोए सारे पहरेदार।
कटीं बेड़ियाॅं खुलते द्वार।।
माता उन्हें सुलायी सूप।
देखा जी भर अद्भुत रूप।।२।।

पिता पहुॅंच यमुना की धार।
हरि जपते करते सरि पार।।
शेषनाग फैलाए छत्र।
यमुना पुण्य हुए एकत्र।।३।।

लाल देख हर्षित हैं नन्द।
धन्य-धन्य प्रभु कृष्णा चन्द।।
बजे बधावा गोकुल गाॅंव।
यमलार्जुन की शीतल छाॅंव।।४।।

मात यशोमती देती दान।
गोपी गातीं सुमधुर गान।।
जय हो गोकुल जय हो ग्वाल।
सारा जग है आज निहाल। ।५।।

**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**

Language: Hindi
2 Likes · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

महाकुंभ
महाकुंभ
Dr Archana Gupta
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
Kshma Urmila
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
साधक परिवर्तन का मार्ग खोज लेते हैं, लेकिन एक क्रोधी स्वभाव
साधक परिवर्तन का मार्ग खोज लेते हैं, लेकिन एक क्रोधी स्वभाव
Ravikesh Jha
आ जाओ गणराज
आ जाओ गणराज
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
गोंडवाना गोटूल
गोंडवाना गोटूल
GOVIND UIKEY
झुकती  हैं  अदब  से  तेरे  सामने आके
झुकती हैं अदब से तेरे सामने आके
Dr fauzia Naseem shad
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
इश्क़ की दास्तां
इश्क़ की दास्तां
Lokesh Dangi
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
Kanchan Alok Malu
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
manjula chauhan
-एक गलती की सजा भुगत रहा हु -
-एक गलती की सजा भुगत रहा हु -
bharat gehlot
टूटी हुई टहनियों पर हवा की माफ़ी का कोई असर नही होता
टूटी हुई टहनियों पर हवा की माफ़ी का कोई असर नही होता
jyoti jwala
Safar : Classmates to Soulmates
Safar : Classmates to Soulmates
Prathmesh Yelne
दुनिया
दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
उजला अन्धकार ...
उजला अन्धकार ...
sushil sarna
क
*प्रणय प्रभात*
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
*बचपन*
*बचपन*
Pallavi Mishra
इंसानियत के लिए
इंसानियत के लिए
Dr. Rajeev Jain
कैसी दुनिया है की जी भी रहे है और जीने के लिए मर भी रहे है । क्या अजब लीला है तेरी की जो खो रहे ह, आखिर वही पा रहे
कैसी दुनिया है की जी भी रहे है और जीने के लिए मर भी रहे है । क्या अजब लीला है तेरी की जो खो रहे ह, आखिर वही पा रहे
अश्विनी (विप्र)
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कागज़ की नाव.
कागज़ की नाव.
Heera S
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
"दर्द की तासीर"
Dr. Kishan tandon kranti
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
दोहे
दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...