Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2021 · 3 min read

अर्जुन श्रीकष्ण

✒️?जीवन की पाठशाला ??️
श्रीमद्भागवत गीता न केवल अध्यात्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन दर्शन भी है:-

मनुष्य केवल खुद के कल्याण के बारे में सोचता है, यदि वह समाज हित के बारे में सोचे तो संसार स्वर्ग बन जाए। श्रीमद्भागवत गीता में बताई गई बातें यदि मनुष्य आचरण में उतारे तो वह समाज का कल्याण कर सकता है।

युद्ध भूमि में अर्जुन श्रीकष्ण से कहते हैं…

1-भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि न तो मैं किसी को सुख देता हूं, और न ही दुख,मनुष्य स्वयं के कर्मों से ही सुख और दुख को प्राप्त करता है।

2- यह बड़े की शोक की बात है कि हम लोग बड़ा भारी पाप करने का निश्चय कर बैठते हैं तथा राज्य और सुख के लोभ से अपने स्वजनों का नाश करने को तैयार हैं।

श्रीकृष्ण कहते हैं…

3-बीते कल और आने वाले कल की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो होना है वही होगा,जो होता है, अच्छा ही होता है, इसलिए वर्तमान का आनंद लो।

4- हे अर्जुन विषम परिस्थितियों में कायरता प्राप्त करना श्रेष्ठ मनुष्यों के आचरण के विपरीत है। न तो स्वर्ग की प्राप्ति है और न ही इससे कीर्ति प्राप्त होगी।

5- हे अर्जुन तुम ज्ञानियों की तरह बात करते हो, लेकिन जिनके लिए शोक नहीं करना चाहिए, उनके लिए शोक करते हो। मृत या जीवित, ज्ञानी किसी के लिए शोक नहीं करते।

6- जैसे इसी जन्म में जीवात्मा बाल, युवा और वृद्ध शरीर को प्राप्त करती है वैसे ही जीवात्मा मरने के बाद नया शरीर प्राप्त करती है।इसलिए वीर पुरूष को मृत्यु ने नहीं घबराना चाहिए।

7- न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो-यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से मिलकर बना है और इसी में मिल जाएगा परन्तु आत्मा स्थिर है। फिर तुम क्या हो ?

8-आत्मा अजर अमर है- जो लोग इस आत्मा को मारने वाला यह मरने वाला मानते हैं वे दोनों की नासमझ हैं-आत्मा न किसी को मारती है और न ही किस के द्वारा मारी जा सकती है।

9- तुम अपने आपको भगवान को अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है, जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त रहता है।

10- जैसे मनुष्य अपने पुराने वस्त्रों को उतारकर दूसरे नए वस्त्रों धारण करता है, वैसे ही जीव मृत्यु के बाद अपने पुराने शरीर को त्यागकर नया शरीर प्राप्त करता है।

11- शस्त्र इस आत्मा को काट नहीं सकते, अग्नि इसको जला नहीं सकती। जल इसको गीला नहीं कर सकता। वायु इसे सूखा नहीं कर सकती।

12-परिवर्तन संसार का नियम है। यहां सब बदलता रहता है। इसलिए सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय, मान-अपमान आदि में भेदों में एक भाव में स्थित रहकर हम जीवन का आनंद ले सकते हैं।

13-अपने क्रोध पर काबू रखें- क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि विचलित होती है। इससे स्मृति का नाश होता है और इस प्रकार व्यक्ति का पतन होने लगता है। क्रोध, कामवासना और भय ये हमारे शत्रु हैं।

कृष्ण ने कुल 18 दिन तक अर्जुन को ज्ञान दिया, गीता में भी 18 अध्याय हैं। गीता से समस्त विश्व को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 467 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HITCLUB là cổng game bài trực tuyến đẳng cấp với trang chủ c
HIT CLUB
*हालात थामने वाले*
*हालात थामने वाले*
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
Time flies🪶🪽
Time flies🪶🪽
पूर्वार्थ
sp72 रतन टाटा की बेदाग जिंदगी के लिए दिलजीत ने जर्मनी में कंसर्ट रोका
sp72 रतन टाटा की बेदाग जिंदगी के लिए दिलजीत ने जर्मनी में कंसर्ट रोका
Manoj Shrivastava
लिखूंगा तो...?
लिखूंगा तो...?
Suryakant Dwivedi
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
Phool gufran
4661.*पूर्णिका*
4661.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
Subhash Singhai
बचपन
बचपन
Ayushi Verma
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
औरतें आधुनिकता का हवाला देकर कुछ दिखावा करती है।
औरतें आधुनिकता का हवाला देकर कुछ दिखावा करती है।
Ajit Kumar "Karn"
चलो
चलो
हिमांशु Kulshrestha
वनिता
वनिता
Satish Srijan
एक गरीब की इज्जत अमीर की शोहरत से कई गुना अधिक बढ़ के होती ह
एक गरीब की इज्जत अमीर की शोहरत से कई गुना अधिक बढ़ के होती ह
Rj Anand Prajapati
फ़ासले जब
फ़ासले जब
Dr fauzia Naseem shad
" धड़कन "
Dr. Kishan tandon kranti
छुट भैया नेता
छुट भैया नेता
Dr. P.C. Bisen
जब भी तुम्हारा दिल करें कि कोई बिना सवाल किये मुझे गले से लग
जब भी तुम्हारा दिल करें कि कोई बिना सवाल किये मुझे गले से लग
पूर्वार्थ देव
नया
नया
Neeraj Kumar Agarwal
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
संभव कब है देखना ,
संभव कब है देखना ,
sushil sarna
दोहे एकादश...
दोहे एकादश...
डॉ.सीमा अग्रवाल
श्रीमद भागवत कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया गोरखपुर
श्रीमद भागवत कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया गोरखपुर
Dr Nisha Agrawal
8kbetkm.com đại lý ủy quyền năm 2025 của nhà cái 8kbet, chuy
8kbetkm.com đại lý ủy quyền năm 2025 của nhà cái 8kbet, chuy
8kbetkmcom
आ
*प्रणय प्रभात*
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
सत्य और राम
सत्य और राम
Dr. Vaishali Verma
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
शेखर सिंह
दोहे
दोहे
seema sharma
दिवस संवार दूँ
दिवस संवार दूँ
Vivek Pandey
Loading...