Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2021 · 1 min read

चला

दुख -दर्द सुख शान्ति विषाद चिंता की
नैया के पार नीर को चीर मैं चला
जीवन की गहराइयो की चिंता न कर
सागर के भँवरों मे अस्तित्व को बचा चला

ध्यान तो मेरा रचनाओं की लेखनी पर
जहाँ नहीं है मुस्कराहट के झरने
टूटी फूटी विषमताओं के काँटे है
चीथरों में सुराख आसूओं का सैलाव है

मत कर बात इस देह की जो बन मिट्टी से
बचपन की मस्ती उछाल के मिट्टी
झूँठ फरेब कर जिया मैं और यह इनसाँ
अपने को खुशहाल करने को डिगाया इमान

Language: Hindi
79 Likes · 1 Comment · 461 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

जीवन में,
जीवन में,
नेताम आर सी
*प्रेम का डाकिया*
*प्रेम का डाकिया*
Shashank Mishra
हे संगिनी
हे संगिनी
n singh
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मातृ पितृ पूजन दिवस
मातृ पितृ पूजन दिवस
Santosh kumar Miri
"" *मौन अधर* ""
सुनीलानंद महंत
बड़ा महसूस होता है, मगर हम कह नही सकते।
बड़ा महसूस होता है, मगर हम कह नही सकते।
श्याम सांवरा
मैं रीत लिख रहा हूँ
मैं रीत लिख रहा हूँ
कुमार अविनाश 'केसर'
ख्वाब हमारा आप हैं ,
ख्वाब हमारा आप हैं ,
Sushil Sarna
4481.*पूर्णिका*
4481.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझसे दिल लगाने के बाद
तुझसे दिल लगाने के बाद
डॉ. एकान्त नेगी
Togetherness
Togetherness
Dr Archana Gupta
बे-फ़िक्र ज़िंदगानी
बे-फ़िक्र ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
गरमी आयी गरमी आयी
गरमी आयी गरमी आयी
Rita Singh
स्कूल की यादें
स्कूल की यादें
Surinder blackpen
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*दीवाली मनाएंगे*
*दीवाली मनाएंगे*
Seema gupta,Alwar
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
" इम्तिहान "
Dr. Kishan tandon kranti
मां
मां
Lovi Mishra
“सब्र”
“सब्र”
Sapna Arora
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
सहकारी युग का 13 वां वर्ष (1971- 72 )
सहकारी युग का 13 वां वर्ष (1971- 72 )
Ravi Prakash
मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार।
मौसम बदले लोग बदले और बदला संसार।
Madhu Gupta "अपराजिता"
भगवान
भगवान
Adha Deshwal
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
दीपक झा रुद्रा
पारिवारिक व्यथा
पारिवारिक व्यथा
Dr. P.C. Bisen
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
R
R
*प्रणय प्रभात*
Loading...