Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2021 · 1 min read

तरक्कीपसंद शायरी

ऐ भारत के मेहनतकशों,
अब एक हो जाओ!
फ़ैसले का वक़्त है यही
सचेत हो जाओ!!
ज़ुल्म और नाइंसाफी के
निज़ाम के लिए!
तुम इंकलाब के जिंदा
संदेश हो जाओ!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
539 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राम
राम
shreyash Sariwan
जिसके लिये वो अंधा हुआ है
जिसके लिये वो अंधा हुआ है
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
Dr fauzia Naseem shad
मेरा था तारा   ...
मेरा था तारा ...
sushil sarna
दुःख सुख
दुःख सुख
Dr.Priya Soni Khare
वो मधुर स्मृति
वो मधुर स्मृति
Seema gupta,Alwar
*राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कारु का खजाना
कारु का खजाना
विनोद सिल्ला
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
उमस भरी रात
उमस भरी रात
Dr. Man Mohan Krishna
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
gurudeenverma198
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
चिरंतन सत्य
चिरंतन सत्य
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
तेरे इकरार का बहुमत चाहिए
तेरे इकरार का बहुमत चाहिए
Harinarayan Tanha
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आजकल के लोग स्नेह, सौहार्द्र व सद्भाव के बजाय केवल स्वार्थ क
आजकल के लोग स्नेह, सौहार्द्र व सद्भाव के बजाय केवल स्वार्थ क
*प्रणय प्रभात*
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
पैसे की क़ीमत.
पैसे की क़ीमत.
Piyush Goel
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
मरने से ज्यादा खौफ़नाक होता है भुला दिया जाना...
पूर्वार्थ
बुद्धित्व क्षणिकाँये
बुद्धित्व क्षणिकाँये
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शीर्षक - अपने घर...
शीर्षक - अपने घर...
Neeraj Kumar Agarwal
'आरक्षितयुग'
'आरक्षितयुग'
पंकज कुमार कर्ण
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
VINOD CHAUHAN
प्रेम का इंतजार
प्रेम का इंतजार
Rahul Singh
गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता
गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता
Ranjeet kumar patre
प्यार के मायने
प्यार के मायने
SHAMA PARVEEN
Loading...