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25 Aug 2021 · 1 min read

भरोसा तोड़ने वाले ___ गजल/गीतिका

भरोसा तोड़ने वाले भरोसा तोड़ देते हैं।
करें किस पर भरोसा हम चलो राह मोड़ लेते हैं।
अब तो खुद के भरोसे ही चलने की ठान ली हमने।
जो हमसे जुड़ना चाहते हैं उसे हम जोड़ लेते हैं।।
मंजिल तय कर ली हमने जिसे हमको तो पाना है।
कभी धीमे से चलते हैं कभी हम दौड़ लेते हैं।।
सादगी है पसंद हमको ताजगी हम तो रखते हैं।
कागज़ी नाव को यारों दरिया में छोड़ देते हैं।।
किसी से बेर नहीं हमको खैर सबकी ही चाहते है।
कोई बेरी जो बन जाए, मसल कर मरोड़ देते हैं।।
राजेश व्यास अनुनय

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