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25 Aug 2021 · 1 min read

नई उड़ान भरते रहिए

क्यूं एक ही नज़र पर टिक कर रह जाना है
हर एक हसीना से आँखें चार करते रहिए

कोई दे रहा है दस्तक तो अंदर बुलाइए
क्यूं किसी का ताउम्र इंतज़ार करते रहिए

कोई बस जाए निगाहों में तो इजहार कीजिए
बन जाए बात तो ठीक वरना आगे बढ़ते रहिए

किसी के गाल है सुंदर, किसी के होठ है सुंदर
क्यूं किसी एक पर ही ताउम्र मरते रहिए

आपके नज़रों से घायल हुए पहली नज़र में
हर जगह यही कलमा लगातार पढ़ते रहिए

एक ही डाल का होकर कब रहा है परिंदा
हर नए दिन इक नई उड़ान भरते रहिए

~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar

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