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25 Aug 2021 · 1 min read

डॉ.सागर, जेएनयू

“मोरा पिया मतलब का यार..”
राजनीति, साहित्य, सिनेमा, लोकगीत, नारीवाद, जनवाद-क्या कुछ नहीं है इस एक गीत में? यह गीत एक साथ हास्य, व्यंग्य, पीड़ा और प्रतिरोध जैसे परस्पर विरोधी भावनाओं को प्रस्तुत करता है। ऐसे अद्भुत गीत को लिखने के लिए डॉ.सागर, जेएनयू को बधाई दी जानी चाहिए! आशा है कि वह आगे भी इसी तरह साहित्य और सिनेमा में तालमेल को बनाए रखेंगे। #drsagarjnu

Language: Hindi
Tag: लेख
273 Views
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