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24 Aug 2021 · 1 min read

भुलाए गए थे

महफ़िल में उसकी पराए गए थे।
नये – नये तजुर्बे आजमाए गए थे।
कहना भूल गए ये सबसे कहा वो,
पर हम भूले नहीं थे भुलाए गए थे।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

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