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24 Aug 2021 · 1 min read

इंकार

इंकार
*******
हमारे समाज में इंकार को
पसंद नहीं किया जाता,
किसी की भावना को
समझने की बजाय
अपने विचारों को थोप दिया जाता।
परंतु ये निहायत गलत है
इंकार करना,न करना
आपकी अपनी फितरत है,
आप शर्माते, सकुचाते हैं
अपने मन को मारते हैं
कभी डर तो संकोच या लिहाज में
इंकार कहाँ कर पाते हैं?
परंतु अब अपने आप को बदलिए
इंकार करने की आदत डालिए
उचित अनुचित का अंतर
करना सीख लीजिए।
वरना बहुत पछताएंगे
जिंदगी में पिछड़ जायेंगे
अपनी ही राह के काँटे
कभी हटा न पायेंगे,
क्योंकि आप तो कभी भी
किसी से इंकार जो नहीं कर पायेंगे
जिंदगी में सबसे पिछड़ते जायेंगे।
● सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
© मौलिक, स्वरचित
21.08.2021

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 388 Views
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