Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2021 · 1 min read

मैं तो मन से अपना काम करूंगा !

मैं तो मन से अपना काम करूंगा !
••••••••••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं तो मन से अपना काम करूंगा !
भले नापसंदगी किसी की रहती हो !
मैं तो अब से किसी की राह तकूंगा !
भले ही सूरज शाम की ढलती हो !!

नियमों के तहत मुझसे जो भी बनेगा !
वो सारे काम तो मैं अवश्य ही करूंगा !
भले कुछ लोगों के इच्छानुकूल ये ना हो ,
पर औरों के हितार्थ मैं सबकुछ करूंगा !!

लोग तपती गर्मी की उमस से परेशान हैं !
तो ठिठुरते मौसम में भी वे बड़े हैरान हैं !
उनकी इस परेशानी का कारण क्या है….
पता नहीं कैसे – कैसे उनके अरमान हैं !!

आप औरों से यूॅं ही परेशान ना हों कभी ,
व फ़िज़ूल की बातों पे ध्यान ना दें कभी ,
बस खुद पे ही ध्यान संकेंद्रित करें सभी ,
तो उन सबकी भी तरक्की होगी जल्द ही !!

आपसी वैमनस्यता क्षय का कारण होता !
जो वास्तविक स्थिति से भी नीचे गिरा देता !
पर, जीवन में जो सदा अग्रतर ही सोचता….
वो कभी पतन की ओर नहीं बढ़ सकता !!

औरों की खुशियों में उतना क्रोधित ना हों ,
खुद की खुशी में उतना उत्तेजित भी ना हों !
गर दोनों में अच्छे से संतुलन बनाया जाय ,
तो जीवन में ग़मों से कभी दर्शन भी ना हों !!

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 22-08-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
6 Likes · 1004 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
मेरी प्यारी माँ
मेरी प्यारी माँ
shashisingh7232
सुदामा कृष्ण के द्वार
सुदामा कृष्ण के द्वार
Vivek Ahuja
टीव्ही पर राजनीति की ओछी ख़बरों से उकता कर धार्मिक चैनल पर गए
टीव्ही पर राजनीति की ओछी ख़बरों से उकता कर धार्मिक चैनल पर गए
*प्रणय प्रभात*
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
एक ख्वाब...
एक ख्वाब...
Manisha Wandhare
मुक्तक __
मुक्तक __
Neelofar Khan
मौत की दस्तक
मौत की दस्तक
ओनिका सेतिया 'अनु '
मिट्टी के परिधान सब,
मिट्टी के परिधान सब,
sushil sarna
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
कर्बला में जां देके
कर्बला में जां देके
shabina. Naaz
*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*
*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कुछ हृदय ने गहे
कुछ हृदय ने गहे
Dr Archana Gupta
।। हमारे वीर जवान ।।
।। हमारे वीर जवान ।।
Priyank Upadhyay
''तू-मैं इक हो जाएं''
''तू-मैं इक हो जाएं''
शिव प्रताप लोधी
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
4730.*पूर्णिका*
4730.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
नाम या काम
नाम या काम
Nitin Kulkarni
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
दुःख सुख
दुःख सुख
Dr.Priya Soni Khare
ज्यादा सोचना बंद करो
ज्यादा सोचना बंद करो
पूर्वार्थ
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
हाइकु -तेरे भरोसे
हाइकु -तेरे भरोसे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
कोई क्यों नहीं समझ पाता हमें?
कोई क्यों नहीं समझ पाता हमें?"
पूर्वार्थ देव
हद
हद
Ajay Mishra
कहा कृष्ण ने -
कहा कृष्ण ने -
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...