बोझिल है
बोझिल है धरती आज आसमां भी घबराया है
हवायें भी है परेशां ये कैसा मौसम आया है
बदल रहा मंजर पलपल हर तरफ दुख दर्द का साया है।।
बोझिल है धरती आज आसमां भी घबराया है
हवायें भी है परेशां ये कैसा मौसम आया है
बदल रहा मंजर पलपल हर तरफ दुख दर्द का साया है।।