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19 Aug 2021 · 1 min read

गोरी

चंचल गोरी
प्रीत मुख शोभित
स्नेह झरना

पनघट को
चलि कटि मटका
मुस्कां झरना

बांके नयन
चले चाल तिरछी
रूप झरना

गागर भर
धरि सिर ज्यों जाये
हास्य झरना

गैल खड़े जो
हैरत लड़का तो
राग झरना

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