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16 Aug 2021 · 1 min read

लेना देना

लेना देना
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प्रकृति का नियम है
निर्भरता और लेना, देना,
इसके बिना असंभव है
जीव का जीना।
हम भी जीव ही हैं
लेन देन के सूत्र में हम भी
आखिर बँधे ही हैं,
बिना लेन देन के जीवन जीने के
भला रास्ते कहाँ हैं?
अमीर हो या गरीब
छोटा हो या बड़ा,
प्रभावशाली हो या कमजोर
लेन देन से भला बचा कौन है?
घमंड मत कीजिये
आप देने वाले हैं
इसका गुरुर मत कीजिये,
लेना आपको भी पड़ता
ये भी सोच लीजिए,
ये अलग बात है कि
धन, दौलत, प्रभाव के आगे
इसका अहसास नहीं है।
आपकी नजरों में
जिसका वजूद नहीं है,
पर देता तब भी है वो कुछ न कुछ
उस समय वो आप से बड़ा होता है,
आप देते और लेते भी
इस लेन देन की श्रृंखला में
आपके समकक्ष वो भी खड़ा है।
जब हर किसी को ही
लेना देना पड़ता ही है
तब कौन छोटा कौन बड़ा कहाँ है?
? सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित
13.08.2021

Language: Hindi
1 Like · 286 Views
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