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14 Aug 2021 · 1 min read

मिलेगी मंजिल

राह कठिन है मंजिल की
और कठिन हो जायेगी
जो तू अभी रुक गया तो
मंजिल न मिल पाएगी।।

कभी रुकना नहीं है तुझे
कभी झुकना नहीं है तुझे
मुसीबत में भी हो अगर कभी
फिर भी रुकना नहीं है तुझे।।

चढ़ना उतरना दस्तूर है, पीछे
हटने में भी न कोई कसूर है
लेकिन कदम कभी रुकें नहीं
यही हमारी जीत का मूल है।।

चलना ही होगा हमको
बढ़ना ही होगा हमको
मिलकर कोशिश करके मंजिल
को, पाना ही होगा हमको।।

हो उदास गर मन तेरा
लगा ले एक जग फेरा
जान जायेगा तू फिर, मंजिल
पर ही है अब पड़ाव तेरा।।

तू भी ये कर सकता है, थोड़ी
मेहनत से मंजिल पा सकता है
जो ठान ले एक बार मन में, तू
कोई भी मंजिल पा सकता है।।

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