Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Aug 2021 · 1 min read

घूसखोरी अधिकार हमारा है !

घूसखोरी अधिकार हमारा,
इसमें क्या अपराध हमारा।
राजनीति में इसीलिए आए,
जितना हो सके हम खाएं।

चुनाव में कितना खर्च किया,
समय भी अपना व्यर्थ किया।
ताकि जीत कर जो हम आयेंगे,
सात पुश्तों के लिए कमाएंगे।

ईमानदारी तो बस कथा कहानी,
इसमें न तथ्य न कोई रवानी।
ये सब पढ़ने-पढ़ाने के लिए है,
भाषणों में जताने के लिए है।

पैसा जितना लगाया हमने,
उतना भी जो न कमाएंगे।
जीत कर फिर क्या पाया हमने,
मौका हाथ से जो गवाएंगे।

हम नेता हैं झूठ तो बोलेंगे,
सही गलत कीमत से तोलेंगे।
कॉन्ट्रैक्ट उसको दिया जायेगा,
जो कमीशन ज्यादा खिलाएगा।

हम पैरवी भी उसकी करेंगे,
जो लाभ हमारा भी कराएगा।
झोली उसकी हम भरेंगे,
जो चुनाव हमें जितवाएगा।

गरीब मजलूम से जो वादे किए,
वो तो अब जुमले कहलायेंगे।
उनको जो आशवासन दिए,
अगले चुनाव में फिर दोहराएंगे।

जो ईमान की डफली बजाएगा,
वो तो समझो भूखा मर जायेगा।
यहां मोल भाव से काम होगा,
हर चीज का सटीक दाम होगा।

ईमान धर्म सब किताबी बातें,
हमे तो भाए पैसों की सौगातें।
देखो खुला दरबार हमारा है,
घूसखोरी अधिकार हमारा है।

Loading...