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13 Aug 2021 · 1 min read

एक फ़ूल खिला था बगिया में

एक फूल खिला
एक फूल खिला था बगिया में
देख उसको बोला चिड़िया ने
क्यूँ इतने खिले खिले से रहते हो ?
कल तो तुम तोड़ लिए जाओगे
अपनी टहनी से अलग हो जाओगे
न जाने कहाँ जा कर कुचले जाओगे
फिर क्यूँ रहते हो इतने खिले हुए
फूल बोला :
एक रंग बिरंगी तितली आएगी
कोमल पंखो से मुझे छू जाएगी
एक गुनगुनाता हुआ भँवरा आएगा
मेरी ख़ुश्बू से मदमस्त हो कर जाएगा
एक भिनभिनाती मधुमक्खी भी आएगी
थोड़ा मेरा मधु बटोर कर ले जाएगी
एक माली अपना बग़ीचा सम्भालने आएगा
मुझे देख अपनी मेहनत पर मुसकाएगा
शायद मुझे ले जाने कोई पुजारी आएगा
भगवान की अर्चना में मुझे सजाएगा
या फिर कोई प्रेमी जन भी आएगा
अपनी प्रेयसी के बालों में मुझे सजाएगा
कहीं कोई दुल्हन को विदा करने
उसकी डोली को सजाने ले जाएगा
या फिर कोई दुखियारा आएगा
अपनों की अर्थी पर जा कर चढ़ाएगा
इतना सब होगा मेरी छोटी सी ज़िंदगी में
फिर बताओ क्यूँ न रहूँ मैं खिला खिला
अख़िर एक ही बार तो ये जीवन है मिला
यही सोच कर रहता हूँ मैं हर पल खिला खिला ……

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 370 Views
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