इंसानी नस्ल
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी कई बार ऐसे मुकाम पर लाकर खड़ा कर देती है की जहाँ कई बार ना तो जी ही पाते हैं और ना ही मर पाते हैं ,केवल एक जिन्दा लाश बन कर रह जाते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज के कलयुग में अधिकांशतः झूठ की पूजा होती है और सच को अपनी सच्चाई साबित करने के लिए सफाई देनी पड़ती है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हकीकत में आसमान में उड़ने के ख्वाब तो परिंदे देखते हैं क्यूंकि इंसानी नस्ल तो एक दुसरे को नीचे दिखाने और गिराने मात्र में लगी है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की हम चाहें जैसे भी हों पर लोगों को हम उनकी सोच के अनुरूप ही लगते हैं …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान