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8 Aug 2021 · 1 min read

वो विदा हो गये फिर न आये कभी।

थे मेरे सिर पे उनके ही साये कभी।
वो विदा हो गये फिर न आए कभी।
वो थे माँ बाप के रूप में देवता,
फूल माला न उनको चढ़ाए कभी।

…….✍️ प्रेमी

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