Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2021 · 1 min read

आखिर ऐसा क्यों ?

हमारे देश के वीर सिपाही हो ,
जो मातृ भूमि पर आए संकट,
तो अपना खून बहाने में जरा नही चूकते।
और हमारे देश के होनहार खिलाड़ी भी ,
विश्व में देश का गौरव बढ़ाने में ,
बहुत जायदा पसीना बहाने से नहीं चूकते ।
मगर सिपाही या खिलाड़ी जब जान की कुर्बानी दे दें ,
या हो जाए सेवा निवृत ।
क्यों ये और इनका परिवार गरीबी और अभाव की जिंदगी गुजारने में विवश होते है?
क्यों इनके उपकारों का बदला नहीं दे पाती सरकार ?
इनकी सुध और संभाल नहीं करती सरकार ?
इन उपकारों / योगदान के बदले इनको मिलती
है अवहेलना !
आखिर क्यों ऐसा करती है सरकार ?

Language: Hindi
4 Likes · 7 Comments · 567 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
International  Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
प्यार के मायने बदल गयें हैं
प्यार के मायने बदल गयें हैं
SHAMA PARVEEN
सचेतन संघर्ष
सचेतन संघर्ष
अमित कुमार
*वृक्ष लगाओ हर साल*
*वृक्ष लगाओ हर साल*
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
आजकल वो मुझे पे कुछ ज्यादा ही महेरबाँ दिखती है,
आजकल वो मुझे पे कुछ ज्यादा ही महेरबाँ दिखती है,
Madhu Gupta "अपराजिता"
*बेटी की विदाई*
*बेटी की विदाई*
Dushyant Kumar
यै चांद जरा रुक,
यै चांद जरा रुक,
Brandavan Bairagi
सनक और जुनून में अंतर है सनक दिशाविहीन होकर कार्य करता है जब
सनक और जुनून में अंतर है सनक दिशाविहीन होकर कार्य करता है जब
Rj Anand Prajapati
अविर्भाव.....
अविर्भाव.....
Awadhesh Kumar Singh
चलो चुरा लें आज फिर,
चलो चुरा लें आज फिर,
sushil sarna
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
VEDANTA PATEL
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
shabina. Naaz
''नवाबी
''नवाबी" बुरी नहीं। बशर्ते अपने बलबूते "पुरुषार्थ" के साथ की
*प्रणय प्रभात*
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
''पढ़ा लिखा दो मुझको भी पापा ''
''पढ़ा लिखा दो मुझको भी पापा ''
शिव प्रताप लोधी
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
जीने की राह
जीने की राह
Shyam Sundar Subramanian
टले नहीं होनी का होना
टले नहीं होनी का होना
Laxmi Narayan Gupta
आपको बदलाव के लिए ही बनाया गया है।
आपको बदलाव के लिए ही बनाया गया है।
पूर्वार्थ देव
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/231. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
" गुजारिश "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...