Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Aug 2021 · 1 min read

सौ फीसदी परिणाम की कैसे खुशी मनाऊं

रामभरोसे थी ये गाड़ी, वक्त का गजब लगा ये धक्का
देख परीक्षा परिणाम, हर कोई रह गया हक्का-बक्का।

अनहोनी हो गई होनी, खुला बन्द अक्ल का ताला,
बिन मांगे मिल गए मोती, मन प्रफुल्लित कर डाला।

पितृ चरणपादुका से स्वागत की, घड़ी न बनने पाई,
विधि के रचे नए विधान ने, अबकै इज्जत खूब बचाई।

चित भी अपनी, पट भी अपनी, मन मयूर नाचता फिरे,
मेहनत आपदा की हुई सफल, व्यर्थ किसका नाम धरे।

इस सौ फीसदी परिणाम की ‘नवीन’ कैसे खुशी मनाऊं,
सिर के बल हो जाऊं खड़ा या धरती से लिपट जाऊं।

– सुशील कुमार ‘नवीन’

Loading...