Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2021 · 4 min read

लॉक डॉउन के दरम्यान करे माइन्डफुलनेस का अभ्यास

लॉक डॉउन के दरम्यान करे माइन्डफुलनेस का अभ्यास

बैचेन से चैन की ओर…

भगवद गीता में जब अर्जुन में श्री कृष्ण को पूछा कि मन को कैसे काबू रखा जाय? उस समय श्री कृष्ण ने अभ्यास अभ्यास और अभ्यास का सूत्र दिया ।

आम जिन्दगी में देखा गया है कि लोग काम या बातें याद नहीं रहने की शिकायत करते हैं। कुछ लोग हर समय मानसिक रूप से थकान भी महसूस करते हैं। दरअसल दिमाग और मन शरीर के उन हिस्सों में शामिल है जो कभी आराम नहीं करता। सोते-जागते, हर समय दिमाग में कुछ न कुछ चलता ही रहता है। ऎसे में “माइंडफुलनेस मेडिटेशन” ध्यान का वह तरीका है जिससे व्यक्ति अपने दिमाग को न केवल अधिक रचनात्मक एवं विचारों को स्पष्ट बना सकता है बल्कि बेचैन रहने वाले मस्तिष्क को भी आराम दे सकता है। कई वर्ष प्राचीन योग पाठशालाओं से निकली यह विधि मानव-मस्तिष्क की क्षमताओं को कई गुना बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

दिमागी क्षमता बढ़ती है
अमरीकी पत्रिका “साइंटिफिक अमरीकन” में प्रकाशित न्यूरोसाइंस संबंधी एक ताजा शोध में उल्लेख किया गया है कि ध्यान (मेडिटेशन) की तकनीक से शरीर और दिमाग दोनों पर अच्छा प्रभाव में सहायता करती है। इससे मस्तिष्क को आराम मिलता है और इसकी क्षमता भी बढ़ती है। इसलिए ध्यान के जरिए दिमाग को सशक्त बनाने की दिशा में अब कई कम्पनियां भी आगे आ रही हैं। जानकारों के मुताबिक टार्गेट, गूगल, जनरल मिल्स एवं फोर्ड जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को “माइंडफुलनेस” का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स “माइंडफुलनेस मेडिटेशन” करते थे, जिससे उनका दिमाग शांत रहता था।

मन को दो भागों में बांटा गया है।एक मंकी माइंडऔर ऑक्स माइंड।
“मंकी माइंड” (विचारों की भीड़ से भरा बंदर की तरह उछल-कूद मचाने वाला मन) और “ऑक्स माइंड” (शांति से धीरे-धीरे बैल की तरह चलने वाला मन)। इस ध्यान विधि में “मंकी माइंड” को धीरे-धीरे नियंत्रित कर “ऑक्स माइंड” को जगाने का प्रयास किया जाता है। माइंडफुलनेस के कई फायदे हैं- जैसे तनाव समाप्त हो जाता है। यदि वापस भी आए तो कम असरदार होता है और आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
नींद न आने की समस्या भी इसके नियमित अभ्यास से ठीक हो जाती है। कई अभ्यासी तो आंख बंद करने के बाद महज एक-दो पल में ही नींद के आगोश में आ जाते हैं। इसके अभ्यास से जीवन की हर घटना के प्रति नजरिया स्पष्ट और रचनात्मक हो जाता है।

जरूरत के हिसाब से दिमाग का प्रयोग
“यदि आप शांति से बैठकर खुद के बारे में विचार करेंगे तो पाएंगे कि आपका दिमाग कि तना अशांत है और इसे शांत करने का प्रयास करेंगे तो यह और बिगड़ जाएगा। लेकिन कुछ समय बाद जब यह शांत हो जाएगा तो आपको और रहस्यमयी चीजें सुनाई देंगी।”

यह है विधि

किसी शांत जगह पर जाकर –

1. पालथी लगाकर बैठें। पतले तकिए पर बैठ सकते हैं इससे कमर में खिंचाव नहीं आएगा।

2. आंखें बंद करके अपने भीतर की आवाजों को सुनें। इस दौरान जो भी विचार चल रहे हों चाहे वे टीवी प्रोग्राम के होें, काम-काज या परिवार के हों उन्हें चलने दें। यही उछल-कूद मचाने वाले दिमाग की स्थिति है जो लगातार शोर करता है। यह “रेस्टलेस” स्थिति है लेकिन फिलहाल इसे रोके नहीं। विचारों पर ध्यान लगाएं और यह समझने का प्रयास करें कि कैसे एक विचार से दूसरा तेजी से आता-जाता है। करीब एक हफ्ते तक रोजाना पांच मिनट यह अभ्यास करें।

3. एक सप्ताह बाद विचारों को नियंत्रित करने का प्रयास किए बिना ध्यान के दौरान यह कोशिश करें कि आपके विचार “मंकी माइंड” से “ऑक्स माइंड” की ओर जाने लगें।

4. ऑक्स माइंड वह स्थिति है जिसमें अपेक्षाकृत धीमे और शांत विचार आते हैं। यह दिमाग सभी चीजों को देखता, सुनता और महसूस करता है। ज्यादातर लोग अपने ऑक्स माइंड को तभी सुनते हैं जब वे असाधारण क्षणों का अनुभव कर रहे हों।

5. कुछ दिनों या सप्ताह के अभ्यास के बाद जब ऑक्स माइंड के प्रति आपकी पकड़ बढ़ने लगे तो इसे अपने मंकी माइंड को धीमा करने के निर्देश देना शुरू कीजिए। कुछ लोग मंकी माइंड के सोने के बारे में सोचकर भी इसे नियंत्रण करते हैं। लेकिन यदि मंकी माइंड फिर भी जाग्रत रहता है तो परेशान न हों। कुछ समय बाद मंकी माइंड कम शोर करेगा। धीरे-धीरे आपको महसूस होगा कि आपकी हर सांस लंबी होती जा रही है। आपको हवा का स्पर्श महसूस होने लगेगा। इस स्थिति तक पहुंचने में समय लगता है, लेकिन यदि आपको यह लगने लगे कि अब समय थमने लगा है तो मानिए कि आप सही तरीके से अभ्यास कर रहे हैं।

इसके नियमित अभ्यास से तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा अनिद्रा और कई अन्य बीमारियां भी इससे ठीक हो जाती हैं। टार्गेट, गूगल, जनरल मोटर जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को माइंड फुलनेस का प्रशिक्षण देती है।

आपके पास जो अवसर है लॉक डॉउन का, उसका प्रयोग करके आप ” स्थितिप्रज्ञ ” को प्राप्त कर सकते है।

माइंडफुलनेस के फायदे
यह निष्क्रियता से सक्रियता पर ले जाता है।
1. तनाव से मुक्ति, कार्य मे चुस्ती
2. याद करने के शक्ति में इजाफा
3. एकाग्रता का बढ़ना, नई खोज के लिए सक्रिय
4. भावनात्मक स्टैबिलिटी होना
5. शांति और खुशी का अहसास बढ़ना
6. हाइपर-ऐक्टिविटी कम होना
7. गुस्सा कम आना
8. एक-दूसरे को समझने की क्षमता बढ़ना
9. फैसले लेने की क्षमता में इजाफा
10. नींद का बेहतर बनाता है।

प्रोफ. डॉ. दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
लेखक स्वयं माइन्डफुलनेस के ज्ञाता एवं प्रशिक्षक है।

1 Like · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
हम हमेशा सोचा करते थे कि सबके साथ अच्छा करेंगे तो हमारे साथ
पूर्वार्थ
गुरू नमन
गुरू नमन
Neha
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार
Dr. Rajeev Jain
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
अपना गॉव
अपना गॉव
MEENU SHARMA
तन्हाई से सीखा मैंने
तन्हाई से सीखा मैंने
Mohan Pandey
एक दूसरे को समझो,
एक दूसरे को समझो,
Ajit Kumar "Karn"
कभी-कभी ये कमबख्त वक्त,
कभी-कभी ये कमबख्त वक्त,
SPK Sachin Lodhi
नारी है न्यारी
नारी है न्यारी
Indu Nandal
स्वार्थ से परे
स्वार्थ से परे
Seema gupta,Alwar
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
RAMESH SHARMA
ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन शॉपिंग
Chitra Bisht
वो मेरा दिल छू लेने वाला, मुझसे अछूता रहा सदा।
वो मेरा दिल छू लेने वाला, मुझसे अछूता रहा सदा।
ओसमणी साहू 'ओश'
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Tushar Jagawat
बस एक प्रहार कटु वचन का मन बर्फ हो जाए
बस एक प्रहार कटु वचन का मन बर्फ हो जाए
Atul "Krishn"
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
तुम्हारे वास्ते हम ने गुलाल भेजा है
तुम्हारे वास्ते हम ने गुलाल भेजा है
Neeraj Naveed
जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए हैं उसके लिए हम जिम्मेवार नहीं ह
जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए हैं उसके लिए हम जिम्मेवार नहीं ह
ललकार भारद्वाज
पता है क्यों...
पता है क्यों...
Manisha Wandhare
" नम पलकों की कोर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
दूरी अच्छी है
दूरी अच्छी है
Rambali Mishra
"हो सके तो"
Dr. Kishan tandon kranti
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
रिटायरमेंट
रिटायरमेंट
Ayushi Verma
"चित्तू चींटा कहे पुकार।
*प्रणय प्रभात*
निच्छल नारी
निच्छल नारी
Sonu sugandh
रिश्ता दिल से होना चाहिए,
रिश्ता दिल से होना चाहिए,
Ranjeet kumar patre
Loading...