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3 Aug 2021 · 1 min read

पराजय

पराजय नहीं
जय है तेरी हर तरफ
हर गात नहीं
सानी तेरी बात का
कथ्य हिंडोला सा
हर नज़र यूं बढ़ा
शनैः शनैः
चकाचौंध करता
हृदय में उतर चला
वो नहीं खाविंद
तेरी तहरीर के
ये अधबुझे सितारे
तमाशवीन हैं बस
कालांतर से
संग रहे
बेजुबां अहमक से
लौट आते है
पुनः चांद की
तलाश में
चूंकि रोशनाई
जय में नहीं
पराजय में है

मनोज शर्मा

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