उपेक्षा
ऐ दुनिया,
जब तूने मुझे
अपनाने से
इंकार किया!
खुद ही को
यार बनाया
खुद ही से
मैंने प्यार किया!!
वही दर्द
जिसे सुनने का
वक़्त नहीं था
किसी के पास!
मैं अपने
शेरों, नज़्मों
और गीतों में
इज़हार किया!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)