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1 Aug 2021 · 1 min read

“ कुछ कहने भी तो दो ”

डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”

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कब तक रुलाओगे हमें ,

कभी हँसने भी तो दो !

व्यथा हम किस से कहें ,

कुछ कहने भी तो दो !!

झूठा वादा झूठी नीति ,

झूठे सपने दिखलाकर !

मृगतृष्णा के मायाजाल ,

रख डाला है भरमाकर !!

कब तक मौन रहेंगे यूँ ,

कभी कहने भी तो दो !

कब तक रुलाओगे हमें ,

कभी हँसने भी तो दो !!

नौकरियाँ भी छूट गयीं ,

घर से बेघर होने लगे !

लोगों को हमने खोया ,

कोहराम मचने लगे !!

कब तक मिलेंगे अपने ,

कोई सुराग भी तो दो !

व्यथा हम किस से कहें ,

कुछ कहने भी तो दो !!

शिकायत सुनने वाला ,

किसी की नहीं सुनता !

उलट कर राष्ट्रद्रोह के ,

अभियोग में ही फँसता !!

कब तक फँसाओगे हमें ,

आज़ाद होने भी तो दो !

व्यथा हम किस से कहें ,

कुछ कहने भी तो दो !!

जो वादा करके आए ,

उसको निभाना चाहिए !

इतिहास के पन्नों में ,

पहचान बनाना चाहिए !!

जनहित में कुछ करके ,

नाम कमाने भी तो दो !

व्यथा हम किस से कहें ,

कुछ कहने भी तो दो !!

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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”

साउंड हेल्थ क्लिनिक

डॉक्टर’स लेन

दुमका

झारखण्ड

भारत

01.08.2021.

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