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30 Jul 2021 · 1 min read

ईमानदारी का गहना

जमाने में कितने ही साहूकार सही ,
“ईमानदारी” ऐसा गहना है
जिसे रखना हर किसी के बस की बात नहीं..

ऊंचाइयों पर पहुंचने वालों ,

याद रखना …
यह बूंदे भी साथ छोड़ देती ऊंचाइयों को हम जैसों के लिए
वरना ,कौन गिरता है जमीन पर
आसमा पर पहुंचने के बाद…

कुछ तो चाहत होगी , तुम्हारे इन मोतियों की हमसे ..
वरना यह भी अब अमीर रिश्तेदारों के यहां निकलते हैं..

चाहत तो अपने में जीने की है, वरना
जमाने को अपनाते तो कब के साहूकार हो जाते हैं….

उमेंद्र कुमार

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