Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Jul 2021 · 1 min read

किसान की आवाज

तुम अनमोल हो सस्ते में तुम बिक ना जाना,
तुम हमसे हो, यह तुम भूल ना जाना,

अभी तक पीछे खड़े हैं तुम्हारे, तभी वजूद है तुम्हारा,
अपने आगे खड़ा ना करो हमें, कभी इतिहास बन न जाए तुम्हारा,

दी थी भागदौड़ तुम्हें, कुछ जानकर,
मान लो हमारी भी अपना कुछ अपना मान कर,

मामूली ना समझना मैं किसान जानकर,
कहीं पासा ना पलट जाए पिछली सरकार जानकर…..

उमेंद्र कुमार

Loading...