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28 Jul 2021 · 1 min read

शरारत कमाल करती है - डी के निवातिया

शरारत कमाल करती है
***

आँखों की शरारत, होठो की लाली, कमाल करती है,
चाँद से चेहरे से बरसती खूबसूरती बवाल करती है !!

कातिल जवानी, लुभाती अदाओं से छलकाती शराब,
कम्बख्त मासूम सी सूरत ये कितने सवाल करती है !!

बहकने लगते है जवां आशिक ऐसा शबाब देखकर
हुस्न की ये अदा तो आशिको को हलाल करती है !!

तारीफ में इनकी क्या कहे, जुबाँ खामोश हो जाती है
देखते ही देखते रहने को मजबूर ये जमाल करती है !!

आरजू नहीं बाकी अब कुछ और उस से मिलन की,
वो मिले न मिले, हमे तो तस्वीर ही निहाल करती है !!

***

डी के निवातिया

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