दरबारी कवि
अगर लोग
जो सुनना चाहते हैं
मैं वही गाने लगूं
तो मेरे गीत
उनके किसी काम के नहीं
और मेरे कवि होने का
कोई मतलब भी नहीं..!
अगर लोग
जो सुनना चाहते हैं
मैं वही गाने लगूं
तो मेरे गीत
उनके किसी काम के नहीं
और मेरे कवि होने का
कोई मतलब भी नहीं..!