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24 Jul 2021 · 1 min read

-- आखिर कब तक ? --

जब तक रहेगी सांस
लड़ेगा हर वीर भारत माँ के लिए
कसम खा कर जो गया था
तिरंगे की शान के लिए !!

जब तक जागेगा सीमा पर
बाल भी बांका न होगा
पर घर के अंदर के दुश्मन
का पता नही क्या होगा ?

सेना में जाते ही बंध जाता
है , सब के सर पर कफ़न
सारी मोह ममता उस की
हो जाती है बस दफ़न !!

न झुकता है सर कभी
दुशमन की सीमा में भी जा के
बस जब लौटता है तिरंगे में
सर पर भारत माँ की माटी लगा के !!

जब तक जिन्दा रहेगा फौजी
हर दुशमन की सीमा इन से थर्राएगी
धरती माता की गोद में आकर
हर लाल की जिन्दगी अमर हो जाएगी !!

तकलीफ बस इस बात की है
आखिर कब तक शहादत गिनी जायेगी
कब तक नारे बाजी लगेगी
और मोमबती से दुःख की रात काटी जायेगी !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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