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सिद्धार्थ गोरखपुरी
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22 Jul 2021 · 1 min read
ऐब है के
ऐब है कि कुछ न कुछ कहता रहता हूँ।
काश के चुप रहने का हुनर आ जाता ।।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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