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22 Jul 2021 · 1 min read

घर में रहिए, सतर्क रहिए

गुजरा वक्त खुद को दुहरा रहा है
मंजर कुछ धुंधला नज़र आ रहा है
ऐहतियात बरतिए कि जितना हो सके
की हर जानिब एक स्याह धुन्ध से अटी पड़ी है
मेरे दोस्त ये वबा का दौर बड़ा बेरहम है
ये कुदरत का कहर छुआछूत बन कर टूटा है
गोरा, काला, अमीर,गरीबी सब कतार में हैं कौन छूटा है
यूँ हर घड़ी सांसों पर अजीब सा पहरा है
जाने कैसा अजीब खौफ हैं कुछ छूट जाने का कुछ खो देने का
वक्त भी अपने आप में बड़ा जालिम है
इसकी रफ्तार रूह को जमा देने वाली बर्फ सी जम गई है
मेरे दोस्त खुदा ने हमें दो जिस्म एक जान बनाया है, मै तेरा तू मेरा हमशाया है
कितनी परवाह करता है तू मेरी
खयाल अपना भी रखा कर
तू फिक्र न कर तबियत की, लोग कहते रहें लेकिन मैं पुरे पखवारे तेरे साथ रहूंगा
तेरे बगैर जीने से तो बेहतर है
तुम्हें आगोश में ले लूं और तेरी लबों और भहों को चूम कर मैं खुद भी तेरे साथ चलूं
इससे पहले कि ऐसे हालात हो सतर्क रहिए, मास्क पहनिए, खयाल रखिए अपना और अपनो का..

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