Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2021 · 1 min read

मनोबल

हर व्यक्ति डायरी नहीं लिखता,
अतीत की गलतियां समझ नहीं आती,
आपका ध्येय क्या है,
समय निर्धारण समय समायोजन कैसे है.
मनोबल की मजबूती निर्भर करती है.
रण में डटे रहते हैं.
या भाग उठते हैं.
आप किन लोगों से सलाह लेते है.
आपके निर्णय स्वैच्छिक होते है.
या संयुक्त उद्धरणों से आते है.
आने वाली हर समस्या को एक सवाल मानते है
या आफत.
मनोबल विचार तर्क वितर्क या आत्म-मंथन के हिस्से हैं,
समय समय पर मिलने वाली असफलता
आपके अनुभव में वृद्धि करती है.
यही वो पद्धति है जो आपकी जीत पक्की करती है,
आपको हारने नहीं देती.

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 654 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

Freedom
Freedom
SUNDER LAL PGT ENGLISH
वार्ता
वार्ता
Deepesh Dwivedi
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
श्याम सांवरा
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
आँखें क्या कुछ नहीं कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रुत चुनाव की आई 🙏
रुत चुनाव की आई 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हर जमीं का कहां आसमान होता है
हर जमीं का कहां आसमान होता है
Jyoti Roshni
जिस ओर उठी अंगुली जगकी
जिस ओर उठी अंगुली जगकी
Priya Maithil
नव्य द्वीप
नव्य द्वीप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ऊँची पहाड़ियों पर भी बर्फ पिघलते हैं,
ऊँची पहाड़ियों पर भी बर्फ पिघलते हैं,
Mr. Jha
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
प्रणय गीत...
प्रणय गीत...
हिमांशु Kulshrestha
Bong88 là nền tảng cá cược trực tuyến uy tín hàng đầu châu Á
Bong88 là nền tảng cá cược trực tuyến uy tín hàng đầu châu Á
Bong88
अतिशय इच्छा अर्थ की
अतिशय इच्छा अर्थ की
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
पूर्वार्थ
2865.*पूर्णिका*
2865.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गोरा है वो फिर भी काला लगता है।
गोरा है वो फिर भी काला लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
ये भारत न रहा..
ये भारत न रहा..
मनोज कर्ण
sp 25/26 दोहे
sp 25/26 दोहे
Manoj Shrivastava
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
माँ वो देखो तिरंगा
माँ वो देखो तिरंगा
Arvina
😊भायला-भायलियों!
😊भायला-भायलियों!
*प्रणय प्रभात*
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
Yogendra Chaturwedi
ख़ुदा बताया करती थी
ख़ुदा बताया करती थी
Madhuyanka Raj
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
Shweta Soni
गुलाब   ....
गुलाब ....
sushil sarna
Loading...