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21 Jul 2021 · 1 min read

एक है अनमोल दौलत जिसको कहते प्यार है।

गज़ल
काफ़िया- आर
रद़ीफ- है
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122…..2122……2122…..212

जर ज़मीं शोहरत व दौलत ये सभी बेकार है।
एक है अनमोल दौलत जिसको कहते प्यार है।

छोड़ दो नफरत जलन औ दुश्मनी ये दोस्तो,
दूर खुशियाँ होंगी ये दुख दर्द का भंडार है।

कर मिलावट दूसरों को मौत जो हैं बाटते,
नर्क के भागी बनेंगे कैसा ये व्यापार है।

देश के खातिर अगर काम आये मेरी जिंदगी,
तन व मन सब है समर्पण मौत भी स्वीकार है।

जिंदगी में सीखो चढ़ना मित्रता की सीढियां,
जिसके जितने दोस्त उसने उतना पाया प्यार है।

जो बहन बेटी को इज्ज़त दे गरीबों की कहे,
ईश्वर का रूप है औ सच में वो दमदार है।

प्यार लेना प्यार देना सीख लो प्रेमी अभी,
प्यार से जो दूर है वो जिंदगी बेकार है।

……..✍️ प्रेमी

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