Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2021 · 1 min read

मुझे आपसे कुछ नहीं कहना

अगर आप किसी कातिल, रैपिस्ट या लूटेरे के खिलाफ कोई बात सिर्फ इसलिए नहीं सुनना चाहते हैं कि वह आपकी जाति, धर्म या पार्टी का है तो आप इस देश के ही नहीं इंसानियत के भी दुश्मन हैं। माफ कीजिएगा मुझे आपसे कुछ नहीं कहना..!

Language: Hindi
Tag: लेख
198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

* सुहाती धूप *
* सुहाती धूप *
surenderpal vaidya
मृत्यु के पश्चात
मृत्यु के पश्चात
Vivek saswat Shukla
हम सहिष्णुता के आराधक (गीत)
हम सहिष्णुता के आराधक (गीत)
Ravi Prakash
प्रेम..
प्रेम..
हिमांशु Kulshrestha
अटल बिहारी बाजपेयी
अटल बिहारी बाजपेयी
manorath maharaj
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
Ravikesh Jha
मैं लौट कर आऊंगा शाखाओं पर खुशबू लेकर
मैं लौट कर आऊंगा शाखाओं पर खुशबू लेकर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
भोले बाबा है नमन
भोले बाबा है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
shri rahi Kabeer
मेरे जिंदगी के मालिक
मेरे जिंदगी के मालिक
Basant Bhagawan Roy
विश्व हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस
Dr Archana Gupta
मैं न्यूज़ वाला बुढ़वा, मैं न्यूज़ वाला बुढ़वा
मैं न्यूज़ वाला बुढ़वा, मैं न्यूज़ वाला बुढ़वा
Babiya khatoon
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
तेरे दिल में है अहमियत कितनी
Dr fauzia Naseem shad
"पतंग उड़ाओ पर पक्षी बचाओ"
Anop Bhambu
वो जो मुझसे यूं रूठ गई है,
वो जो मुझसे यूं रूठ गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
जी सकिया ना में तेरे बिन
जी सकिया ना में तेरे बिन
Shinde Poonam
वो पुरुष हैं
वो पुरुष हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
🌷 *परम आदरणीय शलपनाथ यादव
🌷 *परम आदरणीय शलपनाथ यादव "प्रेम " जी के अवतरण दिवस पर विशेष
Dr.Khedu Bharti
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
Gouri tiwari
■ आप आए, बहार आई ■
■ आप आए, बहार आई ■
*प्रणय प्रभात*
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
Neelam Sharma
आज मन उदास है
आज मन उदास है
Shweta Soni
विच्छेद
विच्छेद
Dr.sima
ऐसे हैं मेरे साहब जी😊😊
ऐसे हैं मेरे साहब जी😊😊
gurudeenverma198
दूरियां
दूरियां
प्रदीप कुमार गुप्ता
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
अश्विनी (विप्र)
Not a Choice, But a Struggle
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...