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16 Jul 2021 · 1 min read

स्री

बुद्धि को त्याग कर
बुद्ध बनना,
किसी स्री के लिए
उतना ही सहज हैं,
जितना——
जटाओं को नोचकर
जटिल आवरण को
तोड़ कर
भीतर के जल को
किसी देवी मन्दिर
में चढ़ा देना—
या प्रसाद स्वरूप
घर ले आना||

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